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PM मोदी की बिहार को 62,000 करोड़ की सौगात: PM-SETU, कर्पूरी ठाकुर यूनिवर्सिटी और युवा सशक्तिकरण पर ज़ोर

Oct 05, 2025  Zackary Botsford  22 views
PM मोदी की बिहार को 62,000 करोड़ की सौगात: PM-SETU, कर्पूरी ठाकुर यूनिवर्सिटी और युवा सशक्तिकरण पर ज़ोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में बिहार राज्य के युवाओं, बुनियादी ढांचे और शिक्षा क्षेत्र के लिए एक विशाल विकास पैकेज की घोषणा की है, जिसका कुल मूल्य 62,000 करोड़ रुपये से अधिक है। इस पैकेज में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास शामिल है, जो राज्य के समग्र विकास और विशेष रूप से युवा सशक्तिकरण पर केंद्रित हैं। यह पहल बिहार को 'विकसित भारत' के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भागीदार बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।


 

शिक्षा और कौशल विकास का आधार: कर्पूरी ठाकुर स्किल यूनिवर्सिटी

 

इस पैकेज का एक प्रमुख आकर्षण कर्पूरी ठाकुर स्किल यूनिवर्सिटी (Karpuri Thakur Skill University) की स्थापना है। यह परियोजना बिहार के युवाओं को आधुनिक उद्योग की ज़रूरतों के अनुसार प्रशिक्षित करने के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है।

  • उद्देश्य: इस यूनिवर्सिटी का मुख्य लक्ष्य युवाओं को उच्च-स्तरीय तकनीकी और व्यावसायिक कौशल प्रदान करना है, ताकि वे न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी रोज़गार के अवसर प्राप्त कर सकें।
  • परियोजना का महत्व:
    • रोज़गारोन्मुखी पाठ्यक्रम: यूनिवर्सिटी में ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डेटा साइंस, और उन्नत विनिर्माण (Advanced Manufacturing) जैसे भविष्य-उन्मुख क्षेत्रों में विशेष पाठ्यक्रम पेश किए जाएंगे।
    • बिहार के युवाओं का पलायन कम करना: उन्नत कौशल प्रशिक्षण के लिए अब बिहार के युवाओं को दूसरे राज्यों या देशों में पलायन नहीं करना पड़ेगा।
    • मेक इन इंडिया में योगदान: कुशल कार्यबल की उपलब्धता से राज्य में औद्योगिक निवेश आकर्षित होगा, जो 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियानों को बल देगा।

 

बुनियादी ढांचे का विस्तार: PM-SETU परियोजना

 

बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में, PM-SETU (Prime Minister – Social Empowerment and Transformative Upliftment) परियोजना एक महत्वपूर्ण घोषणा है। यह परियोजना मुख्य रूप से सड़कों, पुलों और जलमार्गों के नेटवर्क को मजबूत करने पर केंद्रित है, जिससे कनेक्टिविटी और आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी।

  • परिवहन का आधुनिकीकरण: PM-SETU के तहत, कई प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों का उन्नयन (Upgradation) किया जाएगा और नए पुलों का निर्माण होगा। इससे माल और लोगों की आवाजाही तेज़ और सुरक्षित होगी।
  • समय और लागत की बचत: बेहतर कनेक्टिविटी से किसानों और छोटे व्यापारियों को अपनी उपज और उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में लगने वाले समय और लागत में भारी कमी आएगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
  • औद्योगिक गलियारे: इस बुनियादी ढांचे का विकास औद्योगिक गलियारों को समर्थन देगा, जिससे बिहार के पिछड़े क्षेत्रों में भी नए उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा।

 

अन्य प्रमुख योजनाएँ और उनका प्रभाव

 

62,000 करोड़ रुपये के इस पैकेज में कई अन्य महत्वपूर्ण पहलें शामिल हैं जो बिहार के विकास को एक समग्र आयाम देंगी:

  • आईटीआई (ITI) संस्थानों का उन्नयन और सम्मान: तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, राज्य के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को आधुनिक उपकरणों और शिक्षण पद्धतियों से लैस किया जाएगा। साथ ही, मेधावी आईटीआई टॉपर्स को विशेष रूप से सम्मानित किया गया ताकि अन्य युवा भी कौशल विकास के लिए प्रेरित हों।
  • जल संसाधन और कृषि विकास: सिंचाई परियोजनाओं के लिए भी महत्वपूर्ण धनराशि आवंटित की गई है, जो राज्य के कृषि क्षेत्र को मानसून की अनिश्चितता से बचाएगी और किसानों की उत्पादकता बढ़ाएगी।
  • स्वच्छ ऊर्जा पहल: स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से जुड़ी परियोजनाओं में निवेश किया गया है, जिससे राज्य में बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी और पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा।

 

युवा केंद्रित दृष्टिकोण का महत्व

 

प्रधानमंत्री मोदी के इस पैकेज का स्पष्ट केंद्र बिंदु बिहार का युवा वर्ग है। भारत दुनिया का सबसे युवा देश है, और बिहार जैसे राज्यों में युवा आबादी का अनुपात विशेष रूप से अधिक है।

  • जनसांख्यिकीय लाभांश (Demographic Dividend): सरकार का लक्ष्य इस विशाल युवा आबादी को एक बोझ के बजाय एक 'जनसांख्यिकीय लाभांश' में बदलना है। शिक्षा और कौशल में निवेश करके, इन युवाओं को उत्पादक कार्यबल में बदला जा सकता है जो न केवल बिहार बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था को गति देंगे।
  • सशक्तीकरण और विश्वास: इन परियोजनाओं के माध्यम से, सरकार युवाओं को यह विश्वास दिलाना चाहती है कि उनके राज्य में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, रोज़गार के अवसर और आधुनिक बुनियादी ढांचा उपलब्ध है।

यह 62,000 करोड़ रुपये का पैकेज केवल एक वित्तीय आवंटन नहीं है, बल्कि बिहार के उज्जवल भविष्य और भारत के विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका में केंद्र सरकार का एक सशक्त निवेश है। इन परियोजनाओं का सफल क्रियान्वयन राज्य की आर्थिक और सामाजिक तस्वीर को स्थायी रूप से बदलने की क्षमता रखता है।


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